December 24, 2024

जन्म से मरण तक कि यात्रा ही है जीवनः ममगाईं

देहरादून। पुलवामा में मां भारती के लिए प्राणोत्सर्ग करने वाले मेजर स्वर्गीय बिभूति शंकर ढौंढियाल की छटवीं पुण्य तिथि पर उनके निवास स्थल 86 डंगवाल मार्ग नेशविला रोड में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया। जिसमें गढ़वाल सभा मंदिर में कलशों की पूजा करते हुए भागवत व गोपाल जी सिर पर रखते हुए सैकड़ों महिलाएं व पुरुष बगैर बैंड बाजों के नेशविला रोड के मुख्य मार्गों से होते हुए कथा स्थल पर श्रीमन नारायण के भजनों को गाते हुए पहुचे। जहाँ पर गोपाल के अभिषेक के साथ वेद मंत्रों के साथ पुराण पूजन व मेजर बिभूति के चित्र पर जलाभिषेक व पुष्प अर्पण किया गया।
वही प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कथा में कहा कि जन्म से मरण तक कि यात्रा ही जीवन है यह सबके साथ होता है लेकिन अपने देश के लिए प्राणों को न्यौछावर करने वाले जो लोग हैं सही में उनका जन्म अलग है। इसी तरह मेजर बिभूति अपने पीछे तीन बहिन माता व पत्नी को छोड़कर छः साल पहले चल बसे थे ऐसे लोग ही हमेशा अमर हो जाते हैं। जैसे प्रह्लाद ने देश द्रोही हिरण्यकश्यप पिता के लिए संघर्ष किया आखिर में नरसिंह शत्तिफ प्राप्त होने पर हिरण्यकश्यप का अंत हुआ तथा गौकर्ण ने अपने भाई माता पिता समाज के विरुद्ध चलने वाला था धुंधकारी उसके उद्धार के लिए कथा करी थी। वहीं परीक्षित ने एक निरपराध ऋषि समीक के गले मे सांप डाला वही बदले की भावना ने बल्कि समाज का प्रतिनिधित्व करने वाला राजा ही अपराध करे ऐसे व्यत्तिफ को दंडित करने में समाज की भलाई है। जो समाज के लिए कुछ नही करता वो सरीर व नाम से मर जाता है जबकि समाज के लिए कार्य करने वाला व्यत्तिफ ही देश हित मे कोई भी कष्ट सहने वाला व इस तरह प्राणोत्सर्ग करने वाला व्यत्तिफ ही अमरत्व को प्राप्त करता है आदि प्रसंगों पर मेजर बिभूति की याद में सबकी आंखे नम हुई। बड़ी संख्या में नर नारियों ने कथा श्रवण किया। इस अवसर पर सरोज ढोढ़ियाल जगदीश प्रसाद दमयंती रवि बसन्ती देवी हरीश चंद्र इंदु देवी हेमंत अमित सूचि व्रता सतीशचन्द्र गिरीश चन्द्र कर्नल विकास नौटियाल राजेश पोखरियाल सीमा पोखरियाल मुकेश पोखरियाल वंदना पोखरियाल मनोज पोखरियाल विजय लक्ष्मी चमोली सोनिया कुकरेती गीता बडोनी लक्ष्मी बहुगुणा नंदा तिवारी विवेकानंद खंडूरी विमला शर्मा रेखा बहुगुणा आदि भत्तफ गण उपस्थित थे।

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